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Can litigation maintenance and proceedings expenses be recovered?

क्या वादकालीन भरण -पोषण और कार्यवाहियों के व्यय को प्राप्त किया जा सकता है?

हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 24 के अनुसार किसी कार्यवाही में न्यायालय को यह प्रतीत होता है कि अपने पालन और कार्यवाही के आवश्यक व्ययों के लिए यथास्थित पत्नी या पति की अपनी पर्याप्त स्वतन्त्र आय नही है वहां पति या पत्नी के आवेदन पर प्रत्युत्तरदाता या प्रत्युत्तरदात्री को आदेश दे सकेगा कि वह याचिकादाता या याचिकादात्री की कार्यवाही में लगने वाले व्यय दे और जो राशि याचिकादाता या याचिकादात्री की अपनी आय और प्रत्युत्तरदाता या प्रत्युत्तरदात्री की आय को ध्यान में रखकर न्यायालय को युक्तियुक्त लगे, वह राशि कार्यवाही के दौरान प्रति मास दे।


परन्तु यह कि खर्चे के संदाय के लिए और कार्यवाही के दौरान ऐसी मासिक राशि के लिए आवेदन का यथासंभंव निस्तारण यथास्थित पति या पत्नी को नोटिस को तामिल के 60 दिन के अन्दर किया जाएगा।

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