top of page

Thanks for submitting!

Does an adult girl have the right to choose her husband against the wishes of her family members?

क्या एक बालिग लड़की अपनी घर वालों के मर्जी के खिलाफ अपने इच्छा से पति का चुनाव करने का अधिकार है ?

केस का शीर्षक - श्रीमती लवी चौधरी बनाम यूपी राज्य व 2 अन्य,

हैबियस कार्पस रिट

याचिका संख्या - 209/2022 साइटेशन- 2022 लाइव लॉ (एबी) 211


प्रेम विवाह का मामला-

इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक बालिग लड़की ने अपनी मर्जी से शादी करने और अपने पति के साथ रहने के लिए गुहार लगायी ।


यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने जारी किया है। पीठ इस मामले में लड़की की तरफ से दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी। पीठ ने कहा कि लड़की बालिग है और उसे अपना भविष्य तय करने का पूरा अधिकार है और अपने बहुमूल्य अधिकार का प्रयोग करते हुए उसने अपनी मर्जी से शादी करने का फैसला किया है।

अदालत के पूछताछ करने पर उसने दोहराया कि वह अपने पति के साथ जाना चाहती है जिसके साथ उसने शादी की है। इस प्रकार, लड़की की इच्छा और अभिलाषा का सम्मान करते हुए, अदालत ने कहा कि वह अपने पति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है।

इसके अलावा, लड़की ने अदालत को सूचित किया कि उसे यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद के लिए चुना गया है और 28.4.2022 को उसे अपने दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सारे दस्तावेज पेश करने हैं। हालांकि, उसके सभी मूल दस्तावेज उसके पिता के पास रखे हैं, जो उसके फैसले से बहुत नाराज हैं और इसलिए वह उसके मूल दस्तावेजों को उसको नहीं सौंप रहे हैं।

इसे देखते हुए कोर्ट ने शुरूआत में उत्तर प्रदेश पुलिस रिक्रूटमेंट एंड प्रमोशन बोर्ड के संबंधित अधिकारी/वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि वह इस लड़की को उसके मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए एक माह का समय प्रदान करें।

इसके अलावा, यह देखते हुए कि उसके परिवार के सदस्य उसके साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं,इन परिस्थितियों में, कोर्ट ने एसपी, मुरादाबाद को निर्देश दिया कि वह सभी शैक्षिक दस्तावेज और प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें। इसके अलावा वह लड़की के पिता या उसके परिवार के सदस्यों को बुलाएं और उन्हें निर्देश दें कि वह आवंटित समय के भीतर सभी शैक्षिक और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों को लड़की को सौंप दें। कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए आदेश दिया कि,

पिता को कोई ढिलाई या चाल चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, बल्कि उन्हें दस्तावेज सौंपने की अनुमति दी जाएगी। एसपी मुरादाबाद से अनुरोध है कि वे इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखें और इस उद्देश्य के लिए अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करें ।

एसपी मुरादाबाद को यह भी निर्देश दिया जाता है कि वह इस जोड़े को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करें ताकि उनका जीवन और स्वतंत्रता सुरक्षित रहे और वह शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन जी सके।''


राहुल कुशवाहा

अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद ।

सम्पर्क सूत्र-9452714702


 
 
 

Komentarze

Oceniono na 0 z 5 gwiazdek.
Nie ma jeszcze ocen

Oceń
  • Whatsapp
©2024-2025 By S a r k a r i R e s u l t . E d u c a t i o n 
Unique Visitors
bottom of page