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Maintenance of widowed daughter in law

क्या विधवा पुत्रवधू का भरण- पोषण किया जा सकता है?

विधवा पुत्रवधू का भरण- पोषण :-


1. कोई हिन्दू पत्नी, चाहे वह इस अधिनियम के प्रारम्भ से पूर्व या पश्चात् विवाहित हो, अपने पति की मृत्यु के पश्चात अपने श्वसुर से भरण-पोषण प्राप्त करने की हकदार होगी,

परन्तु यह तब जब कि और उस विस्तार तक जहां तक कि वह स्वयं अपने अर्जन से या अन्य सम्पत्ति से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हो या उस दशा में जहां उसके पास अपनी स्वयं की कोई भी सम्पत्ति नहीं है वह निम्नलिखित में किसी से अपना भरण-पोषण अभिप्राप्त करने में असमर्थ हो-


(क) अपने पति या अपने माता - पिता की सम्पदा से,

(ख) अपने पुत्र या पुत्री से, यदि कोई हो, या उसकी सम्पदा से।

2. यदि श्वसुर के अपने कब्जे में कि ऐसी सहदायिकी सम्पत्ति से, जिसमें से पुत्रवधू को कोई अंश अभिप्राप्त नहीं हुआ है, श्वसुर के लिए ऐसा करना साध्य नहीं है, तो धारा (1) के अधीन किसी बाध्यता का प्रवर्तन नहीं कराया जा सकेगा, और ऐसी बाध्यता का पुत्रवधू के पुनर्विवाह पर अन्त हो जाएगा।


Maintenance of Widow Daughter-in-law :-

1. A Hindu wife, whether married before or after the commencement of this Act, shall be entitled to receive maintenance from her father-in-law after the death of her husband,

Provided that, and to the extent that he is unable to maintain himself by his own acquisition or by other property, or in case where he has no property of his own, he may be unable to obtain maintenance

(a) from the estate of her husband or of her parents,

(b) from his son or daughter, if any, or from his estate.

2. No obligation under section (1) may be enforced if the father-in-law is in his possession that it is not practicable for the father-in-law to do so from the coparcenary property of which the daughter-in-law has not received any share, And such compulsion will end on the remarriage of the daughter-in-law.


Rahul kushwaha

Advocate High Court

Allahabad

Contact- 9452714702

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